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책 정보
· 분류 : 국내도서 > 에세이 > 한국에세이
· ISBN : 9788991824140
· 쪽수 : 64쪽
· 출판일 : 2008-09-01
책 소개
목차
그대를 사랑합니다-------------------6
부부라는 것-------------------------8
붙박이 사랑-------------------------10
사랑이 사라진 곳에 ------------------11
삶이란 연탄 한 장이 되는 것-----------12
살아가면서 숨길 수 없는 세 가지-------14
사랑은 '이루는 것이 아니라 하는 것'----16
견공자제-----------------------------18
소크라테스와 크산티페----------------20
post-it love--------------------------24
오늘이 마지막이라면------------------26
4가지 소원---------------------------28
함께라면-----------------------------30
지금, 여기, 바로 이사람----------------32
행복의 비결---------------------------35
photo-day----------------------------36
내 인생의 이력서----------------------38
오직 하나, 세상의 전부-----------------40
휴대폰 단축번호 1번-------------------42
부부의 인연---------------------------44
지금 필요한 건 뭐? "무조건 내 편"-------46
아름다운 동행-------------------------48
중독----------------------------------50
사랑하기에도 짧은 시간-----------------54
결혼기념일의 명칭과 의미---------------56
부부생활 십계명------------------------60
부부롱런수칙---------------------------62
책속에서
<부부라는 것>
부부란 서로에게 어떤 존재일까요?
함민복 시인은 <부부>라는 시에서
부부라는 존재를 한 아름에 잡히지 않는 긴 상을
앞뒤에서 맞들고 가는 일에 비유하고 있습니다.
긴 상을 두 사람이 맞들고 가다가 좁은 문 앞에 다다르면
한 사람은 등을 앞으로 하고 뒷걸음질로 걸어야 합니다.
뒷걸음질로 걷는 사람은 뒤를 돌아볼 수 없기에
마주보고 있는 사람의 눈빛과 마음을 읽으며
한 발 한 발 조심스럽게 걸음을 옮겨야 합니다.
키 높이도 조절해야 하고 걸음의 속도도 맞추어야 합니다.
상을 내려놓는 타이밍 또한 잘 맞추어야 합니다.
자칫 방심하다가는 언제 음식을 쏟을지 모릅니다.
부부로 산다는 것,
결혼생활이라는 것이 바로 이와 같지 않을까요?
서로를 믿고
눈에 보이는 하나하나에 연연하기보다는
마음을 헤아리고, 상대방의 눈높이에 나를 맞추며
나란히 같은 방향을 향해 한 발 한 발 나아가는 것---.
세월이 흘러 서로에게 익숙해져도 결코 방심해서는 안 되는 것.
부부란 생의 마지막 순간까지도
서로를 그리워하며 아껴주는 그런 존재인 것입니다. - 본문 8~9쪽 중에서